Kaminey


जिसका भी चेहरा छीला, अन्दर से और निकला
मासूम सा कबूतर, नाचा तो मोर निकला
कभी हम कमिने निकले, कभी दोस्ती कमिनी, मेरे यार भी कमिने
इक दिल से दोस्ती थी, ये हुजूर भी कमिने !!

Guljar saheb is the best !!